माँ 💗

आज माँ की आलमारी की सफाई की समान निकालने में कोई समस्या नहीं हुईं लेकिन जब समान रखने लगा तो बहुत सी पुरानी यादें ताजा होने लगीं जैसे माँ की साड़ियां कैसे जतन से रखी है वो बनारसी साड़ी जो बहुत पहले औरों ने पहनना ही छोड़ दिया लेकिन हमारी अम्मा उसे जतन से रखी है काफी पहले पूछा तो बताया था कि तुम्हारी नानी ने दिया है वो अम्मा की पीली & गुलाबी साड़ी को कैसे भूल सकता हूं जब बचपन में ददरी मेले भुला था तो एक औरत ने पूछा कि बेटा तुम्हारी माँ - बाप का क्या नाम है तो हमने बताया कि हमरी अम्मा पियर (पीला) साड़ी पहनी है एक - एक कर के साड़ी - गहने - पुराने सिक्के - पुराने हजार पांच सौ के नोट सब रखता गया आखों से आंसू थम नहीं रहे थे क्योंकि जो काम हमारी माँ को करना चाहिए था वो मैं कर रहा था माँ करे भी तो कैसे वो तो अपनी यादाश्त ही खो दी है किसी चीज़ का ध्यान नहीं है पिछले तीन महीने से उसे डीपरेसन (अवसाद) नामक बीमारी से जुझ रहीं हैं पिछले तीन महीने हमारी जिंदगी के बहुत ही कठिन रहे हैं हम तो बस यहि चाहते हैं कि हे श्री कृष्ण अम्मा की बस यादाश्त वापस ला दीजिए बाकी हम सम्भाल लेंगे.... जय श्री कृष्ण 💗🙏🏻

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