#बुढ़ापा

एक बार ट्रेन से वाराणसी जा रहा था..
मैं ईयरफोन कान में लगा के गाने सुन रहा था
बगल में बैठे बूढ़े दादा जी बार बार मुझे देखते और फिर अपनी डायरी देखते..
ये वाकया कई बार हुआ..
मैंने पूछा दादाजी क्या बात है..
बेटा ये मेरी बेटी का नम्बर है थोड़ा एक बार बात करा देते तो...मेरा मोबाइल चार्ज नहीं है..
मैंने कहा ये कौन सी बड़ी बात है
दीजिए नंबर..
और उन्होंने बात किया और फिर कहा कितने पैसे हुए...
दादा जी फ्री है Jio है न.. और बात करना हो तो कर लीजिए नही बेटा ठीक है.. धन्यवाद..
अरे ठीक है बस आपका अशीर्वाद चाहिए और कुछ नहीं..
ये कौन थी आपकी..
ये.. ये मेरी बेटी है.. वाराणसी में ही है..
बहुत ख्याल रखती है मेरा ..
BHU में है अध्यापक.. भूगोल पढ़ाती है..
आपके लड़के नही है..
है न... 4 है
एक बैंक में है इलाहाबाद
दूसरा डॉ है दिल्ली में
तीसरा नेवी में है
और 4 नंबर वाले..
वो गाव मे ही रहता है वहीं दूकान चलाता है..
अच्छा...
तो उन लोगों के यहां नही जाते घूमने-फिरने..
जाने का तो बहुत मन करता है पोते- पोतियों से मिलने का भी बहुत मन करता है...
लेकिन कोई बुलाए तब न...
एक साल पहले की बात है
मेरी पत्नी बीमार थी... तो तीनों को कितना बुलाया लेकिन कोई नही आया
बोलते ये डॉ के यहाँ दिखा लीजिए ठीक हो जायेगी आप चिंता मत करिए और वो.... चली बसी...
मेरा छोटा सबसे अच्छा है जब कोई मेरे बेटे नही आ रहे थे तो वह बोला कि बाबु जी मै हु न....
मेरी तो आंखो में आंसू आ गए... ये सोचकर कि...
जब वो पढ़ नहीं रहा था तो मै बहुत डांटता था.. की पढ़ नहीं रहा है.. बस खेलता रहता है..
और वो बोलता की सब लोग नोकरिए
करेगे...
आज सोचता हूँ कि अगर वो भी नौकरी करता तो.. मेरा क्या होता..
और आपकी बेटी..
अरे बेटा मै जी रहा हूँ तो इन दोनों बेटा - बेटी की बदौलत...
#क्यूँकि मैंने दोनों को ही गोद लिया है...
बेटी को जब छुट्टी मिलता है तो चली आती है मुझे देखने..
कभी कभी सोचता हूँ कि मेरा ये तीनों बेटों की के जगह बेटी होती तो कितना अच्छा होता..
तो आपकी बेटी स्टेशन आएगी न...
हाँ वो पहुंच गई होगी...
ट्रेन से उतरते ही फोन किया वो पास में ही थी...
पैर छूते हुए.. प्रणाम बाबु जी...
आप ही हैं क्या.. जी... प्रणाम..
बेटा यही है मेरी बेटी...
इसी के बदौलत...
क्या बाबु आप भी न... कही भी शुरू हो जाते हैं...
आप इनकी बातों को सीरियस मत लीजिए ये जिससे मिलते हैं उससे ही कहने लगते है...
आइए चलते हैं....
उस दिन मैं बहुत सोच रहा था कि
दुनिया कितनी बेरहम है.. अपनी औलाद इतना कैसे गिर सकती है माँ बाप के प्रति...? 

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