#शराबी

#बनारस #शराबी

भैयाजी दो हजार का छुट्टा है

नहीं है

ए भाई साहब दो हजार का छुट्टा है

दुई हजार के छुट्टा रहित त चाय बेचती...

अरे...

सुन... हो भाई हऊ गली में चल जा मिल जाइ

भाई.. भाई ये..

हा..

भाई साहब दो हजार के छुट्टा मिल जाएगा

छुट्टा.. का करेगा

वो दवा वाले को देना है

आ.. कितने पैसे लगे हैं दवा के

छः सौ पीचासी रुपया

आ... इतने पेसे लेगा और उसके पास दुई हजार का छुट्टा नहीं है
लानत है यार.. ऐसी दुकानदारी पे.. ऊ....
भाई तेरे को पैसा चाहिए
ये ले सात सौ रुपये जा उसके मुह पर मार आ
और होगा तो लौटाना नहीं तो मत लौटाना

ठीक है भाई साहब मैं आता हू अभी

चचा... ओ... चचा.. मिल जाएगा छुट्टा
हा

है न पूरे

हा..

ले भाई अब है न पुरे..

हा

भाई साहब ये आपके पैसे..
बे... यार लेने के लिए थोड़े दिए थे..
रख लो बे
दोस्त - भाई रख ले यार दे रहा है रख ले ना..

नहीं आप ने जरूरत पड़ने पर दिया इतना ही बहुत फिर जरूरत पड़ेगी तो ले लेंगे 🙏🏻

उस दिन समझ आया कि शराबी लोग तो यूंही बदनाम है इनके जैसा बड़ा दिल वाला तो ढूंढने पर भी न मिले 🙏🏻

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